tag:blogger.com,1999:blog-700056131975017956.post7301889300786143770..comments2023-10-06T09:26:07.568-07:00Comments on SAMAY SANKALP: दिनेश जुगरान की कविताएँVigyan Vardhanhttp://www.blogger.com/profile/11322726955933870489noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-700056131975017956.post-88610094926623835072010-04-27T01:42:10.896-07:002010-04-27T01:42:10.896-07:00दिनेश जी, ब्लॉग आपसे 'परिचित' होने का मौका...दिनेश जी, ब्लॉग आपसे 'परिचित' होने का मौका भी उपलब्ध करायेगा, यह नहीं सोचा था | सचमुच, आनंदित हुआ हूँ | आपकी ये कविताएँ शायद चार साल से भी अधिक समय से मेरी डायरी में दर्ज हैं, जिन्हें मैं अक्सर ही पढ़ता/दोहराता रहा हूँ | डायरी में दर्ज सूचना के अनुसार मैंने इन्हें 'पहल' के किसी अंक से लिया है | कोई रचना हमें प्रिय हो, और उसका रचनाकार यूं अचानक मिल जाये तो अपने पाठक होने पर वास्तव में गर्व जैसा कुछ होने लगता है |ANAL KUMARhttps://www.blogger.com/profile/14984610028274602500noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-700056131975017956.post-35171843537699792012010-04-25T06:21:12.297-07:002010-04-25T06:21:12.297-07:00बहुत अच्छा प्रयास है . आपको मेरी कविताएँ कहाँ से म...बहुत अच्छा प्रयास है . आपको मेरी कविताएँ कहाँ से मिल गई!!!!!DineshJugranhttps://www.blogger.com/profile/06265241771538939164noreply@blogger.com